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मनरेगा में पलायन प्रभावित क्षेत्रों में दें विशेष ध्यानः मुख्यमंत्री

मनरेगा में पलायन प्रभावित क्षेत्रों में दें विशेष ध्यानः मुख्यमंत्री   -मुख्यमंत्री ने की मनरेगा के कार्यांे की समीक्षा -मनरेगा के अन्तर्गत राज्य को देश में सर्वाधिक 10 पुरस्कार -योजना के अन्तर्गत कार्यों के आउटकम पर भी दें ध्यान   देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में राज्य रोजगार गारंटी परिषद् की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु ट्रैंच को भी शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आकांक्षी जनपदों एवं पलायन प्रभावित क्षेत्रों में विशेष ध्यान देते हुए क्षेत्र के समग्र विकास हेतु विशेष कार्यक्रम चलाए जाएं। उन्होंने अधिकारियों से विभिन्न क्षेत्रों में मनरेगा कर्मियों के वेतन में हो रही देरी के कारणों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मनरेगा की मजदूरी दर को राज्य की प्रचलित मजदूरी दर के सापेक्ष मजदूरी तय किए जाने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने योजना क

रसोई गैस की कीमतों में की गई ब़ढ़ोत्तरी के विरोध में कांग्रेस ने फूंका मोदी सरकार का पुतला

देहरादून। रसोई गैस की कीमतों में 150 रूपये की भारी वृद्धि के विरोध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आह्रवान पर राजधानी देहरादून सहित सभी जिला एवं शहर मुख्यालयों में कांग्रेसजनों द्वारा केन्द्र की भाजपा नीत मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया। इसी कार्यक्रम के तहत देहरादून महानगर में महानगर कांगे्रस अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, जिलाध्यक्ष संजय किशोर, गौरव चैधरी के संयुक्त नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने ऐस्लेहाॅल चैक पर भाजपा सरकार का पुतला दहन किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रदेष कांग्रेस कमेटी कार्यालय से कांग्रेसजन मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ऐस्लेहाॅल चैक की ओर गये जहां पर उन्होंने विरोध प्रदर्शन के उपरान्त मोदी सरकार के पुतले को आग के हवाले किया। कांग्रेसजनों ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2020 में रसोई गैस सिलेण्डर के दाम दो बार बढ़ा दिये तथा इसबार 150 रूपये की भारी वृद्धि की गई है जो गरीब जनता के पेट पर लात मारने जैसा है। भाजपा सरकार के सत्तासीन होने के बाद लगातार मंहगाई की मार झेल रही गरीब जनता पर रसोई गैस के दामों में वृद्धि

इलेक्शन मोड़ में आयी त्रिवेन्द्र सरकार, आगामी रणनीति पर किया मंथन

इलेक्शन मोड़ में आयी त्रिवेन्द्र सरकार, आगामी रणनीति पर किया मंथन देहरादून। सूबे की त्रिवेन्द्र सरकार अगले माह अपने शासन के तीन साल पूरे करने जा रही है। तीन सालों में क्या कुछ किया? और अब अगले शेष बचे दो साल में क्या किया जा सकता है? या क्या करना है? जैसे सवालों का जवाब तलाशने के लिए आज सीएम आवास पर मंत्रियों व विधायकों की बैठक में मथंन किया गया। दिल्ली के चुनावी नतीजों के मद्देनजर यह मथंन और भी महत्वपूर्ण हो गया है। क्योंकि भाजपा समझ चुकी है कि 2022 में वोट काम पर ही मिलेगा नाम के सहारे उनकी नैय्या पार नहीं होने वाली है। मंथन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उनकी सरकार द्वारा पलायन रोकने के लिए गठित किये गये पलायन आयोग को बड़ी उपलब्धि बताया है। बैठक में सीएम ने अपनी 57 फीसदी घोषणाओं पर काम किये जाने को भी उपलब्धि बताया गया। बैठक में सभी मंत्री और विधायकों के रिपोर्ट कार्ड चैक किये जा रहे है कि किसने क्या क्या किया और क्या क्या किया जाना शेष है तथा उनके काम करने में उन्हे किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, सभी कुछ शामिल है। हर एक मंत्री को अपना

फरवरी माह तक सभी पेंशनरों का सत्यापन किया जाएः यशपाल आर्य

फरवरी माह तक सभी पेंशनरों का सत्यापन किया जाएः यशपाल आर्य  देहरादून। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने विधान सभा सभाकक्ष में समाज कल्याण विभाग के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक में सचिव को प्रतिमाह समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि फरवरी माह तक सभी पेंशनरों का सत्यापन कर लिया जाए। मंत्री ने कहा कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुचे इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। दिव्यांगजनों के कृत्रिम अंग वितरण का अपेक्षित लक्ष्य न मिलने पर नाराजगी प्रकट किया। इसके लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। बैठक में जानकारी दी गयी कि वित्तवर्ष 2018-19 की छात्रवृत्ति मार्च 2020 तक 100 प्रतिशत वितरण कर दी जाए एवं वित्तवर्ष 2019-20 की छात्रवृत्ति मई 2020 तक 100 प्रतिशत वितरण कर दिया जाए।इसके अतिरिक्त आगामी दिनों में पेंशन राशि 1000 से बढ़ाकर 1200 रू. करने की योजना है तथा इसका इसका वितरण प्रतिमाह करने की योजना है। वर्तमान समय में 82 प्रतिशत लाभार्थियों के खाते सी.बी.एस. कर दिये गये हैं, इसे शीघ्र 100 प्रतिशत तक कर दिया जायेगा।  समस्त रिक्त पदों का अधियाचन भेजने का निर्देश दिया गया। सभी ब्ल

भूस्खलन जोन में दस साल में गई बीस लोगों की जान

भूस्खलन जोन में दस साल में गई बीस लोगों की जान  February 14, 2020 • Virendra Dutt Gairola • Uttarakhand देहरादून। बदरीनाथ हाइवे पर पाताल गंगा भूस्खलन जोन से आए दिन होने वाली तबाही किसी से छिपी नहीं है। बीते 20 सालों से सक्रिय इस भूस्खलन जोन के स्थाई समाधान के प्रयास हमेशा असफल रहे। बीते दस सालों में इस जोन में 30 से अधिक दुर्घटनाओं में 20 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास निगम (एनएचआइडीसीएल) ने भूस्खलन जोन का सर्वे कर इसके स्थाई ट्रीटमेंट की कार्ययोजना भी बनाई। लेकिन सड़क से दो किमी ऊपर से भूस्खलन होने के चलते उसे रोकना आसान नहीं था। यहां भूस्खलन को देखते हुए अब एनएच महकमा इस 600 मीटर क्षेत्र के 150 मीटर हिस्से को खतरनाक क्षेत्र घोषित कर यहां हाफ टनल का निर्माण कर रहा है। 33 करोड़ की लागत वाले पाताल गंगा भूस्खलन जोन ट्रीटमेंट प्लान के तहत बन रही यह हाफ टनल उत्तराखंड में अपनी तरह की पहली टनल है। एनएचआइडीसीएल के अथॉरिटी इंजीनियर लक्ष्मण सिंह ने बताया कि पाताल गंगा भूस्खलन जोन में आवाजाही सुचारू बनाने के लिए यह टनल इंजीनियरिंग का बेहतर नमूना है। एनएच क